Stambheshwar Mahadev Mandir Gujrat
Stambheshwar Mahadev Mandir: वैसे तो भगवान शिव के कई सारे मंदिर हैं मगर आज शिव जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानेंगे जिसके बारे में आप सुनकर हैरान होंगे
जी हा बिल्कुल हम बाबा भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं जो पूरे दिन में दो बार गायब हो जाता है और यही खासियत है कि यह मंदिर सभी शिव भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है|
यहां आने वाले सभी भक्तों पूरे दिन रुक कर इस मंदिर को गायब होते देखते हैं हालांकि यह मंदिर गुजरात के वडोदरा जिले से कुछ दूरी पर जंबूसर तहसील के कावी कंबोई गांव में स्तंभेश्वर महादेव मंदिर नाम से स्थित है और इस मंदिर के अद्भुत घटना के आधार पर इसे गायब मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
हालाकि गायब होने का मतलब यह नहीं कि आंखों के आगे से या मंदिर छूमंतर हो जाता है बल्कि इसका कारण यह है कि यह मंदिर समुद्र किनारे से लगभग 100 मीटर अंदर की तरफ स्थित है और दिन में समुद्र की लहरें ज्वार भाटा की वजह से ऊपर उठती है तो इस मंदिर को पूरे दिन में दो बार अपनी लहरों से ढक लेती हैं जिससे यह मंदिर समंदर में पूरी तरह समा जाता है और जब यह ज्वार भाटा शांत होते हैं तो फिर से यह मंदिर प्रकट हो जाता है जिसकी वजह से जो भक्त यहां आते हैं वह पूरे दिन यहां पर रुक कर इस घटना को अपनी आंखों से देखते हैं और जब पानी का स्तर कम हो जाता है तभी वह मंदिर तक पहुंच पाते हैं और जब समुद्र की लहरें मंदिर तक आती है वह हर बार शिवलिंग को अभिषेक कर वापस लौट जाती है।
अरब सागर के मध्य कैम्बते तट पर स्थित यह मंदिर सागर के सामने इस तरह समाते हुए देख भक्तों की बड़ी भीड़ लगी रहती है।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के रहस्य
स्कंद पुराण के अनुसार उसके तथ्यों के आधार पर ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण तब हुआ था जब एक बार राक्षस तारकासुर अपनी कठोर तपस्या से भगवान शिव जी को प्रसन्न किया और शिव जी प्रकट हो गए तब तारकासुर ने उनसे एक वरदान मांगा और वह ऐसा वरदान था कि उसे इस पृथ्वी पर कोई नहीं मार सके सिवाय शिवपुत्र के और वह भी केवल 6 दिन का हो कुछ इस तरीके का वरदान राक्षस तारकासुर ने शिवजी से मांगा और भगवान शिव ने उसे यह वरदान दे दिया जिसके पश्चात वह पूरे संसार में प्रलय मचाने लगा जिससे सभी देवी-देवता ऋषि मुनि परेशान होने लगे और वह शिव जी की आराधना करके उन से विनती किए कि वह तारकासुर का वध करें नहीं तो अनर्थ हो जाएगा
तब शिवजी सभी देवी देवताओं की इच्छा अनुसार श्वेत पर्वत के कुंड में एक शिवपुत्र उत्पन्न किए जो 6 सिर ४ आंख और 12 हाथ के थे जिसे कार्तिकेय नाम दिया गया और वह भी 6 दिन की आयु में उन्होंने तारकासुर का वध किया मगर वध करने के पश्चात जब कार्तिकेय को पता चला कि तारकासुर भगवान शिव का भक्त था तब उनको बहुत बुरा लगा और कार्तिकेय ने भगवान विष्णु से इसका हल मांगा उसके बाद भगवान विष्णु ने कार्तिकेय से कहा कि वह वध स्थल पर एक शिवाले बनवा दें इससे उनके मन को शांति मिलेगी फिर भगवान कार्तिकेय ने ऐसा ही किया फिर सभी देवी देवता के साथ मिलकर महीसागर संगम तट पर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की जिसको आज स्तंभेश्वर नाम से जाना जाता है।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर कब जाये कैसे जाएँ ?
हालांकि यहां पर पहुंचने के लिए पूरे साल तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है क्योंकि गुजरात में ठंड गर्मी और बरसात का ज्यादा असर नहीं देखने को मिलता है और तापमान सामान्य रहता है तो यहां साल के किसी भी महीने जा सकते हैं और यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग रेल मार्ग और वायु मार्ग तीनों सुविधाएं उपलब्ध है,
- हवाई जहाज से आने के लिए वडोदरा एयरपोर्ट पर उतरना पड़ेगा फिर वहां से प्राइवेट गाड़ी बुक कर के नर्मदा नदी के साथ-साथ वाले रोड पर चलकर भरूच जिला पहुंच सकते हैं जहां से समुंदर के किनारे होते हुए स्तंभेश्वर मंदिर पहुंचा जा सकता है।
- अगर रेल से यात्रा करनी हो तो मुख्य स्टेशन वडोदरा रेलवे स्टेशन है और यहां से डायरेक्ट दूसरी ट्रेन भरूच रेलवे स्टेशन के लिए मिल जाएगी जहां से निजी वाहन के द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।
- अगर सड़क मार्ग से जाना हो तो यह रास्ता वडोदरा जिले को पार करने के बाद नर्मदा जिले के साथ-साथ और नर्मदा नदी के बराबर से हाईवे के द्वारा भरूच डिस्टिक पहुंचा जा सकता है और रास्ते में जाते हुए कुछ बेहद अद्भुत नजारे भी देखने को मिलते हैं और भरूच जाने के लिए बहुत सारे सरकारी बसें भी उपलब्ध हो जाती हैं।
श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के पास होटल
मंदिर के समीप ही बहुत सारे निजी होटल उपलब्ध हो जाते हैं जहां पर आप अपनी यात्रा करने के पश्चात यहां पर 1 दिन रुक कर आराम कर सकते हैं जहां पर आपको सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती हैं मंदिर के पास बने होटलों के किराए भी सम्मान ही होते हैं मगर सावन के महीने में यहां एक विशालकाय मेला भी लगता है और उस समय होटलों के किराए थोड़े महंगे हो जाते हैं कुछ होटलों के नाम और फोन नंबर नीचे दिए गए हैं जिनको फोन करके आप पहले से बुकिंग करा सकते हैं
श्री स्तंभेश्वर महादेवआरती कार्यक्रम |
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Date | Darshan Time | Darshan Time |
Ekam | 09:15 To 15:45 | 21:15 To 03:45 |
Bij | 10:30 To 16;30 | 22:30 To 04:30 |
Trij | 11:15 To 17:15 | 23:15 To 05:15 |
Chouth | 12:00 To 18:00 | Midnight To 06:00 |
Pancham | Sunrise To 07:00 | 13:00 To 16:00 |
Chath | Sunrise To 07:45 | 13:15 To 19:15 |
Satam | Sunrise To 8:00 | 14:30 To 20:30 |
Aatham | Sunrise To 09:45 | 15:15 To 21:15 |
Naum | Sunrise To 10:00 | 16:00 To 22:00 |
Dasham | Sunrise To 10:45 | 16:45 To 22:45 |
Agiyaras | 05:30 To 11:30 | 17:30 To 23:30 |
Baras | 06:30 To 12:30 | 18:30 To Midnight 00:30 |
Teras | 07:15 To 13:15 | 19:15 To Midnight 01:15 |
Choudash | 08:00 To 14:00 | 20:00 To Midnight 02:00 |
Poonam – Amavastha | 09:00 To 15:00 | 21:00 |
धन्यवाद।।
Booking
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- Mahamrityunjay Jap (1000)
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- Aavartan