Save Environment with 10 Easy Steps
Save Environment with 10 Easy Steps: It’s time to save our mother nature, be a part of it.
Do at least one activity in a day.
Ten Easy Steps
1- Keep your surrounding clean
2- Don’t throw plastic wrappers and bottles, save them and send them to kabaddi wala,
3- At least one plantation
4- Try to avoid excessive use of water in our daily life.
5. Save Electricity
6. Don’t waste food and Serve to needy
7- Make your composite with kitchen waste, don’t throw to landfill,
8- Change our lifestyle with eco-friendly products, try to buy decomposable/nature-friendly products,
9- Try to collect garbage from the surrounding whenever you go on the trip, trekking, outing, and drop it in the trash bin.
10. Fix it instead of throwing
I believe these simple step will impact to save our mother nature,
It’s time to think about our nature home, otherwise, the earth will not be a safe place for our future generations.
आज के टाइम पर हमारा पर्यावरण दिन प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा है एटमॉस्फियर में प्योर एयर की कमी पृथ्वी के नीचे ग्राउंड वाटर लेवल घटता जा रहा फॉरेस्ट एरिया कम हो रहे है और हर जगह गंदगी बढ़ रही जिसके कारण इंसान की लाइफ और बदतर होती जा रही है।
तो समय है कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने का जिससे कि हम अपने लाइव और आने वाले जनरेशन की लाइफ को बेहतर बना सकें नहीं तो इस तरह की लाइफ स्टाइल के साथ हम जीते रहे तो अपने इन्वायरमेंट को ही नहीं बल्कि खुद की लाइफ को स्पॉइल कर लेंगे।
तो कुछ सिंपल स्टेप्स को फॉलो करके हम अपने इन्वायरमेंट और मदर नेचर को बचाकर अपने और अपने जनरेशन को बचा सकते हैं।
1- Keep Our Surrounding Clean
हम जहां रहते हैं वहीं पर गंदगी कर देते हैं चाहे खाने की चीज से हो प्लास्टिक की पन्नी या कुछ भी वह हम अपने आसपास ही कहीं ना कहीं फेंक देते हैं जिससे लैंडफिल में वह जाता है 1और वहां आसपास गंदगी पैदा कर देता है जिससे मैक्सिमम कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसेस प्रोड्यूस होती है जो हमारे एनवायरमेंट को नुकसान करती हैं। और अगर हम आसपास सफाई भी करते हैं तो सफाई से निकले कचरे को अपने घर के बाहर या तो रोड पर फेंक देते हैं या पड़ोसी के घर के पास जिससे आपकी सफाई का कोई फायदा नहीं होता बल्कि हम अपने घर के कचरा बाहर फैला दिए, बजाय इसके कि हमें उस कचरे को सही जगह ड्राप करना चाहिए जिससे लैंडफिल में ना पहुंचे और या तो कबाड़ी वाले के पास जाएं या सॉलि़ड वेस्ट रीसायकल करने वालों के पास जिससे सफाई भी बनी रहे और हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।
2- Don’t throw plastic Wrappers and Bottles, save it and send to Kabadi Wala,
हम अपने डेली लाइफ में कुछ भी यूज़ करते हैं तो वह हर चीज प्लास्टिक रेपर में ही मिलते हैं चाहे नमकीन हो बिस्किट हो या कुछ भी हर चीज प्लास्टिक के बॉक्स में आता है मगर इन प्लास्टिक्स को डीकंपोज होने में 500 से 1000 साल तक लग जाते हैं जो सबसे ज्यादा ग्रीनहाउस गैसेस प्रोड्यूस करते हैं तो हमें इन प्लास्टिक रेपर को अपने डस्टबिन में डालने के बजाय इसको हम कम से कम वाटर के साथ क्लीन करके स्टोर करें और प्लास्टिक बॉटल्स या जो भी वाटर बोतल कंटेनर्स होते हैं उनको हम ज्यादा से ज्यादा सेव करें और फिर इसे किसी कबाड़ी वाले को दे सकें इससे आप कुछ मनी भी जनरेट कर सकेंगे और कबाड़ी वालों से क्या रीसायकल फैक्ट्री के पास पहुंच जाएंगे जिससे इनका रीसाइक्लिंग हो सकेगा हालांकि wrappers की रीसाइक्लिंग बहुत कम की जाती है इसलिए आजकल कुछ ऐसे इको फ्रेंडली स्टार्टअप्स है जो इन रैपर्स की मदद से कुछ इन्नोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाते हैं जैसे आप नीचे दिए गए पते पर इकोकारी नाम की एक संस्था के पास अपने इकट्ठे किए wrappers को भेज सकते हैं।
EcoKaari – Humanising Fashion
Address: Plot no. 69, Swed Ganga Housing Co.Society, Internal Rd, Warje, Pune, Maharashtra 411058
Phone: 099109 69297
3- Atleast One Plantation
हमारी जरूरत इतनी ज्यादा हो चुकी है की अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्लांट काट रहे हैं चाहे फर्नीचर के लिए चाहे कंस्ट्रक्शन के लिए या किसी और जरूरत के लिए दिन प्रतिदिन पेड़ों की संख्या कम और डिफ्रोस्टेशन होता जा रहा है, तो अब हमें जरूरत है उतने ही ज्यादा प्लांट्स लगाने की ।
पेड़ पौधे हमारी धरती पर पाए जाने वाले हैं एक ऐसी मशीन है जो ज्यादा से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड absorbe करते हैं और मैक्सिमम ऑक्सीजन प्रोड्यूसर करते हैं और इससे बेहतर मशीन इंसानों के द्वारा भी नहीं बनाई जा सकती।
इसलिए हम जब कभी किसी ऑकेजन पर कहीं घूमने जाए या पार्क में जाए तो महीने में या वीक में एक बार कम से कम एक प्लांट जरूर लगाएं और लगाते हुए यह न सोचे कि यह प्लांट आने वाले 5 या 10 साल तक चलेगा कि नहीं क्योंकि कल का किसी को नहीं पता आज आपने प्लांट लगाया तो एटलीस्ट जितने दिन चलेगा उतनी दिन तो वह अक्सीजन देगा इसलिए ज्यादा से ज्यादा आप प्लांट लगाने की कोशिश करें।
4- Try to avoid excessive use of Water in our daily life.
हम अपने डेली लाइफ में यह नहीं देखते कि कितना पानी हम खर्च करते हैं अपनी जरूरत के मुताबिक उतना पानी खर्च करना सही है भी या नहीं। तो अगर हम सुबह से लेकर रात तक इस चीज पर गौर करें तो हम पानी का उपयोग कम से कम कर सकते हैं और जिससे हमारा ग्राउंड लेवल वाटर फिर से उपलब्ध हो सकता है।
पहले के जमाने में हैंडपंप हुआ करते थे जिससे पानी निकालने में मेहनत लगती थी इसलिए लोग पानी का उपयोग कम किया करते थे मगर अब वाटर पंप और समर्सिबल लगने की वजह से हमें मेहनत नहीं करनी पड़ती पर पानी आसानी से मिल जाता है जिस वजह से हम पानी का महत्व भूल चुके हैं और फिजूल खर्च करने लगे हैं इसलिए अब जरूरत है कि पानी के महत्व को वापस समझा जाए।
कोरोना महामारी के टाइम पर हर एक इंसान दिन में दो से तीन बार नहाता है दिन में 10 से 15 बार हाथ होता है और उतने ही बार वह कपड़े भी धोता है अब एक इंसान द्वारा पानी का उपयोग 4 से 5 गुना बढ़ गया है जिस का असर जल्द ही आने वाले समय में हमें पानी की महामारी के रूप में देखने को मिल सकता है इसलिए जरूरत है कि अभी से हम अब पानी के महत्व को समझें और इसको बचा सके।
5. Save Electricity
बिजली का उत्पादन शायद आपको पता हो कि भारत में सबसे ज्यादा थर्मल पावर प्लांट से ही बिजली उत्पादित होती है जिसमें सबसे ज्यादा जीवाश्म इंधन यानी फॉसिल फ्यूल्स को जलाकर पैदा किया जाता है जिसकी वजह से सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसेस प्रोड्यूस होती है जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक है तो हमारी डिमांड इलेक्ट्रिसिटी की जितनी बढ़ेगी उतनी ज्यादा फॉसिल फ्यूल बंद होंगे बिजली पैदा करने के लिए जिससे पर्यावरण को उतना ही नुकसान होने वाला है तो हम अपनी जरूरत के हिसाब से बिजली का यूज़ करें कम से कम उपयोग करें घर में जरूरत नहीं पड़ने पर स्विच ऑफ रखें जिससे पर्यावरण को सेव तो कर ही सकेंगे साथ-साथ अपनी बिजली का बिल भी कम कर सकेंगे।
6. Don’t Waste Food and Serve to Needy
दुनिया में ऐसे लाखों लोग हैं जो भूखे पेट सो जाते हैं जिनको एक वक्त का खाना नसीब नहीं होता मगर हम अपने डेली लाइफ में कुछ ना कुछ खाना वेस्ट जरूर करते हैं जो लैंडफिल में पहुंचता है और वह सबसे ज्यादा मिथेन गैस प्रोड्यूस करता है और यह मीथेन गैस किसी भी थर्मल पावर प्लांट से प्रोड्यूस होने वाली गैसों से कई गुना ज्यादा घातक होते हैं तो अगर हम इन बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय उसे किसी जरूरतमंद को दे सके तो इससे एक तो हम पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकेंगे और दूसरी तरफ किसी जरूरतमंद को हम मदद भी कर सकेंगे।
7- Make your Composite with Kitchen waste, don’t Throw to Landfill,
हमारे किचन से रोज कुछ ना कुछ बिना यूज होने वाले कचरे निकलते हैं चाहे सब्जी के छिलके हो फलों के छिलके हो बिना यूज होने वाले हैं फूड आइटम्स या फिर खराब हुए सामान यह सब कुछ हम इसे डस्टबिन में डाल देते हैं और या फिर लैंडफिल में पहुंच जाता है जिससे सबसे ज्यादा पोलूशन प्रोड्यूस होता है किसी भी पोलूशन से तुलना में।
तो इसको बाहर पर्यावरण में फेंकने के बजाय हम इसी किचन वेस्ट से अपने गार्डन या खेतों के लिए जैविक खाद बना सकते हैं इसे सिर्फ कुछ मिट्टी और गाय के गोबर के साथ मिक्स करके किसी छेद वाली बाल्टी या कमपोजिट मेकर बकेट में डालकर महीनों तक छोड़ दें तो यह खुद ब खुद जैविक खाद में बदल जाता है जिसे ब्लैक गोल्ड भी कहा जाता है और यह इतना उपजाऊ होता है कि किसी भी पेड़ पौधे को बढ़ने के लिए बहुत ज्यादा मददगार होता है।
8- Change our life style with eco-friendly products, try to buy decomposable/ nature friendly products,
हमारी लाइफस्टाइल सुबह से लेकर रात तक केवल प्लास्टिक के प्रोडक्ट से गिरी हुई है चाहे वो टूथब्रश हो या फिर फूड पैकेजिंग प्रोडक्ट्स या कुछ और सब कुछ प्लास्टिक से ही बना हुआ मिलता है जो कहीं ना कहीं हमारे पर्यावरण में लैंडफिल से लेकर ओसियन तक पहुंच जाता है और जिसको डीकंपोज होने में हजारों साल लग जाते हैं तो हम अपने लाइफ में उपयोग होने वाले प्रोडक्ट्स को इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स से रिप्लेस कर सकते हैं जिससे कि अगर वह वेस्ट भी जनरेट करें तो लैंडफिल में जाने के बाद डीकंपोज हो सके ना कि अर्थ को और पॉल्यूट करें।
आजकल ऐसे बहुत सारे स्टार्टअप आ गए हैं जो इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बनाते हैं जैसे बंबू टूथब्रश रेउसाबल क्लॉथ बैग्स, डीकंपोजेबल प्लास्टिक आइटम्स, डीकंपोजेबल कटलरी etc,
9- Try to collect garbage from the surrounding whenever you go for a trip, trekking, outing, and drop it in the trash bin.
हम अपने एंजॉयमेंट के लिए महीनों में कहीं ना कहीं घूमने तो जरूर जाते हैं चाहे वह किसी ट्रिप पर हो फैमिली के साथ या ट्रैकिंग पर हो या फिर किसी ऑकेजनल मोमेंट पर तो हम हर जगह देखते हैं कि आसपास कचरे बिखरे पड़े हैं प्लास्टिक बॉटल्स प्लास्टिक थैली हमें हर जगह देखने को मिलते हैं जो वहां के प्राकृतिक नजारों को और बत्तर बनाते जा रहे हैं और यह सब हमारे द्वारा ही फैलाया जा रहा है तो बजाय केवल वहां घूमने के हम इन प्लास्टिक बॉटल्स और प्लास्टिक थैलों को इकट्ठे करके किसी एक जगह डस्टबिन में स्टोर कर सकते हैं जिससे कि वहां के प्राकृतिक नजारों का लुफ्त हर कोई उठा सके ना कि वहां केवल प्रदूषण फैला हो। और यह जिम्मेदारी हर किसी को लेनी चाहिए जिससे कि ऐसी सुंदर जगहों पर हम गंदगी फैलाने के बजाय साफ-सफाई रख सके
10. Fix it instead of Throwing
आजकल हमारी लाइफ में हम कुछ भी यूज़ करते हैं अगर वह खराब हो जाता है तो हम उसे बिना देखे फेंक देते हैं बजाय उसके रीयूज़ करने के। चाहे तो कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स हो लैपटॉप कंप्यूटर मोबाइल फ़ोन या फिर कोई भी मैकेनिकल डिवाइस उनके खराब होने पर हम उनकी जगह दूसरा नया लाते हैं जबकि हमें यह करना चाहिए कि पहली प्राथमिकता उसे ठीक करने की हो अगर वह ठीक ना हो सके तो उसके हर एक पार्ट्स को हम किसी न किसी तरीके से री यूज कर सकें। और अगर फिर भी वह वेस्ट बन रहा हो तो उसे किसी कबाड़ी वाले को दे सके ताकि उसकी रीसाइक्लिंग की जा सके।
तो कुछ इन आसान तरीकों से हम अपने पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं और अपने आने वाली पीढ़ी के लिए भी हम कुछ अच्छा कर सकते हैं क्योंकि हम जिस पेड़ के नीचे बैठकर उसकी छाया लेते हैं वह पेड़ हमसे 20 या 30 साल पहले किसी और ने लगाया होगा जिस का रिजल्ट आज हमें मिल रहा है।
ठीक उसी तरह हमें भी अपने आने वाले जनरेशन के लिए अभी से कुछ करना पड़ेगा नहीं तो हमारा जीवन धीरे धीरे खत्म होता जाएगा।